धामी सरकार प्रदेश के विकास को लेकर लगातार कार्य कर रही है, इसके साथ ही सरकार विभिन्न योजनाएं संचालित कर लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने का प्रयास भी कर रही है। इसी दिशा में सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना भी महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना का नाम है ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ जो राज्य की एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस योजना के तहत, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, अविवाहित, किन्नर, अपराध या एसिड अटैक पीड़ित महिलाएं, जिनकी आयु 21 से 50 वर्ष के बीच है और जो उत्तराखंड की स्थायी निवासी हैं, लाभार्थी बन सकती हैं। इन महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए अधिकतम ₹2 लाख तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जिसमें से 75% यानी ₹1.5 लाख सब्सिडी के रूप में सरकार द्वारा दी जाएगी, जबकि शेष 25% राशि लाभार्थी को स्वयं वहन करनी होगी।
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और राज्य में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना है। महिलाएं इस सहायता राशि का उपयोग कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, ब्यूटी पार्लर, बुटीक, जनरल स्टोर, टेलरिंग, डाटा एंट्री, कॉल सेंटर आदि जैसे व्यवसायों को शुरू करने में कर सकती हैं।
योजना के पहले चरण में 2,000 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है, जिसमें लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में राशि हस्तांतरित की जाएगी।
इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड सरकार न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें समाज में आत्मसम्मान और स्वावलंबन की ओर अग्रसर भी कर रही है।