चमोली के सीमावर्ती क्षेत्र जोशीमठ प्रखंड के स्लूड डुग्रा में 30 अप्रैल को विश्व धरोहर रम्माण मेला आयोजित किया जाएगा। जबकि 29 अप्रैल की रात्रि को मुखौटा नृत्य का आयोजन किया जाएगा। मेले को लेकर क्षेत्र के लोगों में भारी उल्लास का माहौल है। रम्माण का इतिहास लगभग 500 साल पुराना माना जाता है। यूनेस्को ने 2 अक्टूबर 2009 में रम्माण को विश्व सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। रम्माण की प्रस्तुति गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में भी की जा चुकी है। रम्माण एक पारंपरिक लोक उत्सव है। जिसमें रामायण और महाभारत के पात्रों को मुखौटा नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा मेले के आयोजन की तैयारी जोरों पर है। पहली बार जिला योजना से इस मेले के लिए 15 लाख रुपए की धनराशि जारी की गई है। जिस के तहत इस आयोजन की साज–सज्जा और प्रचार – प्रसार किया जाएगा।
वहीं, जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडेय ने बताया कि इस वर्ष विश्व धरोहर रम्माण मेले का भव्य आयोजन किया जा रहा है। पर्यटन विभाग की ओर से मेले के व्यापक प्रचार प्रसार के साथ मंदिर की सजावट व लाइटिंग की जाएगी। मेले का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा। स्थानीय स्लूड डुग्रा निवासी राहुल ने कहा कि इस साल रामायण मेले का भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसको लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में उल्लास का माहौल बना है।