मुख्यमंत्री श्री धामी नेकहा कि आज मैं, सेना में तो नहीं हूं परंतु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते, आज मुझे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देखकर अत्यंत हर्ष का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना को प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आज भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि विभिन्न देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करने में भी नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। सीएम श्री धामी ने कहा कि आदरणीय मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जहां एक ओर शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया है। वहीं, सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में भी अभूतपूर्व वृद्धि की है। इसके साथ ही, हमनें बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी निर्णय लिया है और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को भी 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है। यही नहीं, हम प्रदेश में बलिदानियों के आश्रितों को नौकरी पूर्व प्रशिक्षण तथा पुत्री विवाह अनुदान जैसी योजनाएँ भी संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों हेतु सरकारी बसों में यात्रा की निःशुल्क व्यवस्था करने के साथ-साथ सेवारत व पूर्व सैनिकों हेतु 25 लाख रुपए मूल्य की स्थायी सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है।