आपदा कभी बताकर नहीं आती, लेकिन अगर पहले से सतर्कता हो, तो जान-माल की हानि को, रोका जा सकता है। ठीक इसी उद्देश्य से- एन.डी.आर.एफ और एस.डी.आर.एफ की टीमें ,अब स्कूलों में जाकर बच्चों को आपदा से बचाव की ट्रेनिंग, दे रही हैं। ताज़ा उदाहरण है देहरादून ज़िले के डाकपत्थर क्षेत्र का, जहां महर्षि घोष इंटर कॉलेज में, छात्रों को आपदा प्रबंधन का व्यावहारिक प्रशिक्षण, दिया गया। इस दौरान टीम ने छात्रों को सिखाया, कि भूकंप के दौरान सिर की सुरक्षा कैसे कि जाए, आग लगने पर क्या करें और क्या नहीं, और कैसे किसी घायल व्यक्ति की मदद की जाए। एन.डी.आर.एफ के इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने कहा, कि हमारा उद्देश्य यही है, कि बच्चे और स्कूल-स्टाफ, किसी भी आपदा के समय घबराएं नहीं। उन्हें मालूम हो, कि किस स्थिति में, क्या करना है। आज हमने आग, भूकंप और रेस्क्यू टेक्निक्स पर, फोकस किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यही था कि बच्चों को वास्तविक परिस्थितियों का सामना करने के लिए, मानसिक और व्यावहारिक रूप से, तैयार किया जाए। कॉलेज के प्रधानाचार्य अरुण डबराल ने कहा, कि ऐसे प्रशिक्षण से, बच्चों में आत्मविश्वास, आता है। उन्हें न केवल नई जानकारी मिली, बल्कि अब वे किसी आपदा में खुद को और दूसरों को सुरक्षित, रख सकते हैं।