सिविल सेवा दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में सिविल सेवा चुनौतियां, सुधार और अवसर विषय पर व्याख्यान सत्र आयोजित किया गया। जिसमें देशभर के 10 चिन्हित आईएएस अधिकारियों ने अपने विचार साझा किए।
आज विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड से टिहरी जिले के जिलाधिकारी मूयर दीक्षित ने उक्त विषय पर अपना संबोधन दिया। 2013 बैच के आईएएस अधिकारी मयूर वर्तमान में टिहरी जिले के डीएम और पुनर्वास निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनपद, ब्लॉक और गांव स्तर के क्रियान्वित करने के लिए ग्राम स्तर के अधिकारियों यथा ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ), ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) को नई-नई प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों के उपयोग कर धरातल पर योजनाओं को प्रभावी ढंग से उतारने का सुझाव दिया। कहा कि उत्तराखंड में उक्त ग्राम स्तरीय अधिकारी सरकारी योजनाओं की निगरानी के लिए हर दिन 17 अलग-अलग पोर्टल और ऐप का उपयोग करते हैं। यह संख्या प्रत्येक नई पहल के साथ बढ़ती जाती है। जमीनी स्तर पर एकीकृत सरकारी दृष्टिकोण की कमी से अक्षमता और भ्रष्टाचार की संभावना होती है। दीक्षित ने सभी योजनाओं और अपडेट को एकीकृत करने हेतु एक एकल सरकारी ऐप अथवा पोर्टल का प्रस्ताव रखा। जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सुव्यवस्थित प्रणालियां सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करती है, उसी तर्ज पर सरकारी स्तर पर भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केंद्रीकृत प्रणाली लागत को कम करेगी, दक्षता में सुधार करेगी और लाभार्थी की जानकारी और पात्रता फिल्टरिंग हेतु एक एकल डेटाबेस प्रदान करेगी। यह भ्रष्टाचार को न्यून करेगी।