मौसम विज्ञान विभाग द्वारा उत्तरकाशी जनपद के लिए 07 और 08 मई को भारी से बहुत भारी वर्षा, बर्फबारी, आकाशीय बिजली चमकने, ओलावृष्टि के रेड अलर्ट तथा शेष अन्य जनपदों के लिए 06, 07 एवं 08 मई को ऑरेंज तथा येलो अलर्ट के पूर्वानुमान जारी किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग श्री विनोद कुमार सुमन से जानकारी ली तथा जनपदों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश पर उपाध्यक्ष, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग श्री विनय कुमार रुहेला तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग श्री विनोद कुमार सुमन ने सोमवार को सभी जनपदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर एलर्ट को देखते हुए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी भेजा है।
श्री विनय कुमार रुहेला ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को सभी जनपद गंभीरता से लें और सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित गति से रिस्पांस किया जाए। यदि अत्यधिक बारिश हो रही हो तो चारधाम यात्रियों को कुछ समय के लिए सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए और बारिश रुकने के बाद ही उन्हें आगे रवाना किया जाए।
बैठक के दौरान सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए समुदायों को जोड़ने की पहल प्रारंभ कर दी गई है। इस दिशा में शुरुआत टिहरी जनपद द्वारा की गई है। टिहरी के जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित ने प्रत्येक गांव में पांच लोगों का एक समूह बनाया है, जो किसी भी प्रकार की आपदा घटित होने पर इसकी सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को देंगे। इनके नंबर डीईओसी में उपलब्ध रहेंगे। यदि इस ग्रुप के एक सदस्य का फोन नहीं लगेगा तो दूसरे के फोन पर संपर्क किया जा सकेगा। आपदा संबंधी किसी भी प्रकार की सूचनाओं के आदान-प्रदान में इस समूह की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और उनके द्वारा दी जाने वाली सूचनाओं पर तीव्र गति से एक्शन लिया जाएगा। इससे सूचना मिलने पर प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत ही राहत और बचाव कार्य संचालित करने तथा आवश्यक राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी।