देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए उत्तराखंड के सपूतों की यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए उनके गांवों में भव्य स्मारक तैयार किए जाएंगे। स्मारकों के स्थान चयन, उनके निर्माण और स्वरूप का मानकों को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रत्येक स्मारक के निर्माण के लिए पांच से 15 लाख रुपये की राशि तय की गई है। राज्य में शहीदों की स्मृति में बनने वाले द्वारों के लिए तो मानक तय हैं। लेकिन स्मारकों को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान में आने पर सैनिक कल्याण विभाग को शहीद स्मारकों के लिए स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए थे। सैनिक कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्मारक के लिए स्थान का चयन करने का अधिकार भी तय किया जा रहा है। इसक तहत पहले पत्नी को अधिकार होगा कि वो स्थान चयन करे। पत्नी के न होने पर माता-पिता, माता-पिता के न होने पर शहीद के पुत्र-पुत्री, उनके न होने पर निकट संबंधी की राय अहम होगी। निकट संबंधी भी नहीं होने पर गांव के साथ मशविरा कर निर्णय किया जाएगा। अर्द्धसैनिक बलों के मामले में जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में रजिस्टर्ड होने की शर्त हटाने का निर्णय लिया है।