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राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने श्री हेमकुण्ट साहिब यात्रा के लिए जाने वाले प्रथम जत्थे को किया रवाना।

   राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को...

जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की समीक्षा की

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति...

जिला योजना की संरचना एवं कार्ययोजना तैयार करने को लेकर सीडीओं ने ली विभागवार समीक्षा बैठक

जिला योजना वर्ष 2025-26 की संरचना एवं कार्ययोजना तैयार करने को लेकर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने...

मुख्य सचिव ने सचिवालय में ली शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने...

एक देश एक चुनाव से और अधिक सशक्त होगा लोकतंत्र– मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मसूरी रोड स्थित एक होटल में “एक देश, एक चुनाव” विषय पर...

बागेश्वर में जंगली सुअर का आतंक, एक युवक को किया घायल

बागेश्वर जिले में जंगली सुअरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला मजबे गांव का है...

महर्षि घोष इंटर कॉलेज में छात्रों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया

आपदा कभी बताकर नहीं आती, लेकिन अगर पहले से सतर्कता हो, तो जान-माल की हानि को, रोका जा सकता है।...

भोगपुर में पीएम किसान सम्मान निधि कैंप का हुआ आयोजन, किसानों की समस्याओं का हुआ समाधान

डोईवाला की ग्राम पंचायत भोगपुर में मंगलवार को पीएम किसान सम्मान निधि कैंप का आयोजन किया गया।...

विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर, राजभवन में विशेष कार्यक्रम हुआ आयोजित

आज विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर, राजभवन- देहरादून में, एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन, किया गया।...

एक देश एक चुनाव से और अधिक सशक्त होगा लोकतंत्र– मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मसूरी रोड स्थित एक होटल में “एक देश, एक चुनाव” विषय पर संयुक्त संसदीय समिति के साथ संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष श्री पी. पी. चौधरी एवं समिति के सभी सदस्यगणों का स्वागत और अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक देश एक चुनाव’ हमारे लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि हमारी चुनाव प्रणाली विविधताओं के बावजूद प्रभावी और मजबूत रही है, लेकिन अलग-अलग समय में चुनाव होने से बार-बार आचार संहिता लगती है, इसके चलते राज्यो के सारे काम ठप पड़ जाते हैं। जब भी चुनाव आता है, तो बड़ी संख्या में कार्मिकों को मूल कार्य से हटाकर चुनाव ड्यूटी में लगाना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में राज्य में विधानसभा, लोकसभा और निकाय चुनावों की आचार संहिता के कारण 175 दिन तक राज्य की प्रशासनिक मशीनरी नीतिगत निर्णय लेने की प्रक्रिया से वंचित रही। छोटे और सीमित संसाधनों वाले राज्य के लिए ये 175 दिन शासन व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा निर्वाचन का पूर्ण व्यय भार राज्य सरकार वहन करती है और लोकसभा निर्वाचन का व्यय भार केंद्र सरकार द्वारा उठाया जाता है। दोनों चुनाव एक साथ कराए जाएं तो राज्य और केंद्र सरकार पर व्यय भार समान रूप से आधा-आधा हो जाएगा। दोनों चुनाव एक साथ कराने से कुल व्यय में लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की बचत होगी। इसका उपयोग राज्य के स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, जल, कृषि एवं महिला सशक्तिकरण जैसे अनेक क्षेत्रों में किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जून से सितंबर का समय चारधाम यात्रा के साथ- साथ, बारिश का भी होता है, ऐसे में चुनावी कार्यक्रम होने से बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जनवरी से मार्च तक वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही के समय भी चुनावी प्रक्रिया निर्धारित नहीं की जानी चाहिए। फरवरी-मार्च के माह में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षाएं होने से प्रशासनिक संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों में “एक देश एक चुनाव” महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों में मतदान केंद्रों तक पहुंचना कठिन होता है, जिसके कारण चुनाव की प्रक्रिया में अधिक समय और संसाधन लगते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए चुनाव में भाग लेना भी चुनौतीपूर्ण होता है, बार -बार चुनाव होने से लोगों में मतदान के प्रति रुझान कम होता है और मतदान प्रतिशत भी घटता है।

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