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भारतीय सेना ने पिथौरागढ़ में सामुदायिक रेडियो स्टेशन‘पंचशूल पल्स’ का किया उद्घाटन

रणनीतिक संचार, सांस्कृतिक संरक्षण और सीमावर्ती समुदायों के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल...

जिलाधिकारी और एसएसपी देहरादून ने किया आईएसबीटी फ्लाईओवर का निरीक्षण

जिलाधिकारी देहरादून तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा आई0एस0बी0टी0 फ्लाई ओवर का भौतिक...

उत्तरकाशी में सवारियों से भरी बस पलटी, मची अफरा-तफरी

आज दिनांक 23 मई 2025 को जनपद उत्तरकाशी में समय लगभग 10:00 बजे थाना धरासू द्वारा SDRF पोस्ट...

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने श्री हेमकुण्ट साहिब यात्रा के लिए जाने वाले प्रथम जत्थे को किया रवाना।

   राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को...

जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की समीक्षा की

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति...

जिला योजना की संरचना एवं कार्ययोजना तैयार करने को लेकर सीडीओं ने ली विभागवार समीक्षा बैठक

जिला योजना वर्ष 2025-26 की संरचना एवं कार्ययोजना तैयार करने को लेकर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने...

मुख्य सचिव ने सचिवालय में ली शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने...

एक देश एक चुनाव से और अधिक सशक्त होगा लोकतंत्र– मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मसूरी रोड स्थित एक होटल में “एक देश, एक चुनाव” विषय पर...

बागेश्वर में जंगली सुअर का आतंक, एक युवक को किया घायल

बागेश्वर जिले में जंगली सुअरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला मजबे गांव का है...

रुद्रनाथ के कपाट विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए खुले

चमोली में समुद्रतल से 11हज़ार 800 फीट की ऊंचाई पर स्थित पंच केदार में से एक चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट आज ब्रह्ममुहूर्त में विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आज प्रातः मंदिर के पुजारी सुनील तिवारी ने विधि विधान व पूजा अर्चना कर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोलें। इस से पहले उन्होंने भगवान रुद्रनाथ के विग्रह से ढके हुए स्थानीय बुगला फूलों को हटाया । उसके पश्चात भगवान का श्रृंगार कर पूजा अर्चना की । कपाट बंद होने पर रुद्रनाथ के विग्रह को चारों ओर से स्थानीय बुगला फूलों से ढका जाता है। जो कपाट खुलने पर प्रसाद के रूप में वितरित किए जाते है। भगवान रुद्रनाथ के मंदिर में शिव की मुख की पूजा की जाती है । मंदिर ग्रीष्म काल में 6 माह मई से लेकर अक्टूबर तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है । शीतकाल में 6 माह रुद्रनाथ भगवान की पूजा अर्चना गोपीनाथ मंदिर में की जाती है । यह पहुंचने के लिए सागर से 21 किमी की पैदल खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है।

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