हरिद्वार नगर निगम में हुए 58 करोड़ के भ्रष्टाचार के मामले में राजधानी देहरादून में सुराज सेवादल द्वारा सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने का काम किया गया सुराज सेवा दल की माँग है कि इस मामले की CBI और ED से जाँच करवाई जाये अन्यथा दोषियों को क्लीन चिट मिलने का काम होगा यदि CBI और ED से इस मामले की जाँच नहीं करवाई जाती है तो सुराज सेवादल द्वारा व्यापक आंदोलन करने की चेतावनी भी राज्य सरकार को दी गई है
आपको बता दें नगर निगम हरिद्वार के पूर्व एमएनए वरुण चौधरी पर 58 करोड़ रुपये की 35 बीघा जमीन खरीदकर नगर निगम को भारी चूना लगाने का आरोप लगा है। यह जमीन सराय के पीछे खरीदी गई थी, जिसका मूल्य वास्तविकता में 10 करोड़ रुपये से भी कम था। नगर निगम की मेयर किरण जैसल ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और शासन को भी सूचित किया गया है। नगर निगम ने कोर्ट जाने की भी तैयारी शुरू कर दी है।
वरुण चौधरी ने रजिस्ट्री के सर्किल रेट का लाभ उठाकर खेल कर दिया। सराय के पीछे जिस 35 बीघा कबाड़ जमीन को 58 करोड़ में खरीदा गया। वास्तव में इस जमीन की कीमत दस करोड़ भी नहीं है। क्योंकि इस जमीन के समीप ही नगर निगम शहर से एकत्र कूड़े को डलवाता है। प्रस्ताव बनाया गया कि कूड़ा डालने के लिये ज्यादा जमीन की आवश्यकता है। फिर आनन फानन में इस बेकार पड़ी 35 बीघा जमीन को 58 करोड़ में खरीद लिया गया। जनपद में ज्यादातर जमीन ऐसी हैं, जिसके सर्किल रेट अधिक है और मार्केट वेल्यू कम है। यही कारण है की जमीनों की रजिस्ट्री होने में कमी आई है।