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सिद्धपीठ लाटू मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुले, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में की शिरकत

चमोली के वांण गांव में सोमवार को पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से सिद्धपीठ लाटू मंदिर के कपाट...

धामी सरकार उत्तराखंड में शहीदों के भव्य स्मारक बनाएगी

देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए उत्तराखंड के सपूतों की यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए उनके गांवों...

केदारनाथ धाम यात्रा सकुशल तरीके चल रही, धाम में पहुंच रहे हैं बड़ी संख्या में श्रद्धालु

जनपद रुद्रप्रयाग में प्रचलित केदारनाथ धाम यात्रा सकुशल चल रही है। पहले नौ दिवसों में केदारनाथ धाम...

उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, आदेश जारी

प्रदेश सरकार ने देर रात बड़े प्रशासनिक फेरबदल करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 25 और प्रांतीय सेवा...

स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिंग में अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस आयोजित

स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिंग देहरादून में अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि मंत्री...

बॉबी पंवार ने शंभू पासवान के जाति प्रमाण पत्र की जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने ऋषिकेश मेयर शंभू पासवान के जाति प्रमाण पत्र की...

राजभवन में आयोजित सर्वधर्म गोष्ठी में शामिल हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए शनिवार को राजभवन में सर्वधर्म गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस...

सीएम धामी ने देशहित को सर्वोपरि रखने के लिए युवाओं से किया आह्वाहन

सीएम धामी ने समस्त युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि हम देशहित को सर्वोपरि रखते हुए अपने कर्तव्यों का...

धामी सरकार उत्तराखंड में शहीदों के भव्य स्मारक बनाएगी

देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए उत्तराखंड के सपूतों की यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए उनके गांवों में भव्य स्मारक तैयार किए जाएंगे। स्मारकों के स्थान चयन, उनके निर्माण और स्वरूप का मानकों को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रत्येक स्मारक के निर्माण के लिए पांच से 15 लाख रुपये की राशि तय की गई है। राज्य में शहीदों की स्मृति में बनने वाले द्वारों के लिए तो मानक तय हैं। लेकिन स्मारकों को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान में आने पर सैनिक कल्याण विभाग को शहीद स्मारकों के लिए स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए थे। सैनिक कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्मारक के लिए स्थान का चयन करने का अधिकार भी तय किया जा रहा है। इसक तहत पहले पत्नी को अधिकार होगा कि वो स्थान चयन करे। पत्नी के न होने पर माता-पिता, माता-पिता के न होने पर शहीद के पुत्र-पुत्री, उनके न होने पर निकट संबंधी की राय अहम होगी। निकट संबंधी भी नहीं होने पर गांव के साथ मशविरा कर निर्णय किया जाएगा। अर्द्धसैनिक बलों के मामले में जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में रजिस्टर्ड होने की शर्त हटाने का निर्णय लिया है।

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