शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राज्य में योग मेले, हरित योग और योग पर आधारित प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन। साथ ही ग्राम स्तर तक योग अभियान भी चलाया जाएगा। वहीं मातृशक्ति को अधिक से अधिक योग से जोड़ा जाए। जिसमें योग को रोजगार से जोड़ने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये। इसके अलावा विद्यालयों और महाविद्यालयों में विशेष योग शिविरों का आयोजन किया जाए। डिजिटल माध्यम से भी योग को प्रचारित करने के साथ योग के क्षेत्र में जन जागरूकता लाने वालों को सरकार की तरफ से सम्मानित भी किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग न केवल हमारी प्राचीन परंपरा है, बल्कि यह आज की जीवनशैली में संतुलन और स्वास्थ्य का प्रभावी माध्यम भी है। हमें युवाओं, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों और आम जनता को इस आयोजन से जोड़ना होगा। योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम भव्य, व्यवस्थित और जन-सहभागिता से किए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, योग की पवित्र भूमि है, और यहां से पूरे विश्व को योग का संदेश गया है, इसलिए यहां के कार्यक्रमों की एक विशेष पहचान होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति को अधिकतम योग से जोड़ा जाय। योग और ध्यान के साथ ही वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जाए। जनपदों में योग और आयुष मेले आयोजित किए जाएं। योग को रोजगार से भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि और योग भूमि के रूप में उत्तराखंड की वैश्विक स्तर पर अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि योग का आध्यात्मिक रूप से भी प्रस्तुत किया जाए। राज्य के प्रमुख दैवीय स्थलों और पर्वतीय क्षेत्रों में भी बड़े स्तर पर योग के कार्यक्रम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग, शिक्षा विभाग, युवा कल्याण विभाग, पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सूचना विभाग एवं जिला प्रशासन को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।