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मुख्यमंत्री ने खटीमा में 213 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए किया भूमि पूजन।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कंजाबाग तिराहे, खटीमा में स्थापित किए जा रहे 213 फीट...

परमवीर चक्र विजेताओं को उत्तराखंड सरकार द्वारा एक करोड़ 50 लाख रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री धामी नेकहा कि आज मैं, सेना में तो नहीं हूं परंतु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर...

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने डिजिटल फसल सर्वेक्षण एवं किसान पंजीकरण के सम्बन्ध में अधिकारियों की ली बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में डिजिटल फसल सर्वेक्षण एवं किसान पंजीकरण के सम्बन्ध...

अधिकारी स्थानीय लोगों की समस्याओं का निस्तारण तत्परता से स्थानीय स्तर पर ही करे- सीएम धामी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को अपने कैम्प कार्यालय लोहिया हेड में जनता से मिले व उनकी...

श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारतीय महिला टीम की घोषणा

भारतीय महिला चयन समिति ने 27 अप्रैल से शुरू होने वाली सीनियर महिला त्रिकोणीय राष्ट्रीय श्रृंखला में...

देहरादून जिला प्रशासन के इस प्रोजेक्ट ने बेटियों को पढ़ाई की राह दिखाई

देहरादून जिले में नंदा-सुनंदा प्रोजेक्ट ने बेटियों को पढ़ाई की राह दिखाई है। इसके तहत जिलाधिकारी...

लैब ऑन व्हील्स-मोबाइल साइंस लैब परियोजना के द्वितीय चरण का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ रहे छात्र-छात्रओं को लैब...

चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता -सीएम धामी

चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा को अपनी शीर्ष प्राथमिकता...

लक्ष्मणसिद्ध नगर बालावाला में फूलदेई पर्व कार्यक्रम का आयोजन, डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला ने किया प्रतिभाग

रविवार को डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला ने डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के लक्ष्मणसिद्ध नगर बालावाला में चैत्र नवरात्रि के रामनवमी के अवसर पर शिव पाठशाला कला मंच की ओर से फूलदेई पर्व कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला ने कहा कि फूलदेई पर्व, हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है, जो धरती मां के प्रति हमारी अपार कृतज्ञता को दर्शाता है। यह पर्व न सिर्फ प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि हमारी लोक परंपराओं और संस्कारों को भी जीवित रखता है।

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